भोपाल। मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल को हमेशा निशाने पर लेते हुए पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना यह आरोप लगाते थे कि विधायक धरना सिर्फ सेटिंग के लिए करते हैं। दबाव बनाकर वे अपना कमीशन फिक्स कर रहे हैं। अब सवाल यह है क्या सुखेंद्र सिंह भी शराब ठेकेदारों और माफिया से सेटिंग कर चुके। ये हम अपने से नहीं कह रहे बल्कि सुखेंद्र सिंह के दावे की हकीकत बता रहे। मऊगंज की जनता को याद होगा 23 अक्टूबर को हनुमना जनपद पंचायत कार्यालय परिसर में ब्लाक कांग्रेस का कार्यक्रम था उसमें सुखेंद्र सिंह ने भी शिरकत की थी उस दिन वो भाषण नहीं दे रहे थे बल्कि गरज रहे थे। उनके गरजने के दौरान कई मर्तबा समर्थकों ने उनका नाम लेकर जिंदाबाद के नारे भी लगाए थे। उस दिन उन्होंने कहा था हम 3 नवंबर से शराब की दुकानों को बंद करने की मुहिम शुरू करेंगे तब भी हमने खबर लिखा था सरकारी दुकान वे किसी कीमत पर बंद नहीं कर सकते। लेकिन हमने सोचा जिस तरह से वो बोलते हैं शायद यह कारनामा भी कर दिखाएं। आज तीन नवंबर को दिन भर हमने इंतजार किया शायद पूर्व विधायक दुकानों में ताला जड़ दें लेकिन ऐसी कोई खबर जिले से नहीं आई। अब सवाल यह है क्या सुखेंद्र सिंह ने भी सेटिंग के लिए दुकानें बंद करने का दावा किया था? क्या शराब ठेकेदारों ने महीना बांध दिया फिर वे शराब दुकानों की तरफ से मुंह फेर लिए? अगर ऐसा नहीं था तो फिर दुकानें बंद क्यों नहीं करवाई? यह बात दीगर है कि वो अपनी सफाई में कोई पुख्ता बहाना बना दें लेकिन जिस तरह वो विधायक प्रदीप पटेल पर आरोप लगाते हैं और कोई सुबूत नहीं दिखाते अब वही आरोप उनके ऊपर भी लग रहे हैं। आज मऊगंज की जनता जवाब चाहती है जब दुकान बंद नहीं करवा सकते तो दावा क्यों किया? कोई बहाना बनाने से जनता को जवाब नहीं मिलता उसे रिजल्ट चाहिए। ऐसे में अब जनता भी मान रही गरजना सिर्फ दिखावा था असली मामला शराब ठेकेदारों से सेटिंग का था।
पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना की शराब ठेकेदारों से हो गई सेटिंग! दावे से मुकरे, नहीं बंद कराई दुकानें।
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