राजस्थान – उप चुनाव में बीजेपी की होगी फजीहत,कांग्रेस का पलड़ा हमेशा रहा भारी

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भोपाल। राजस्थान में पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है लेकिन भाजपा की सांसे अभी से फूलने लगी हैं इसकी बड़ी वजह यह है कि 17 सीटों पर हुए उप चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा और वह 12 सीट जीतने में कामयाब रही। जिन 5 सीटों पर चुनाव होना है वहां जाट ,गुर्जर ,मुस्लिम और दलित मतदाताओं का दबदबा है जो भाजपा झोली से बाहर छिटक गए हैं। भाजपा के लिए यह बहुत बड़ा टेंशन है जो उसके दिमाग को मथ रहा है कि आखिर इन सीटों पर कब्ज़ा कैसे किया जाए। लोकसभा की अजमेर और अलवर में भी हुए लोकसभा उप चुनाव में बीजेपी को शिकस्त मिली थी और कांग्रेस का परचम लहराया था। आपको बता दें कि चौरासी ,दौसा ,देवली -उनियारा ,झुंझनू और खींवसर विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। 2023 के चुनाव में दौसा ,देवली -उनियारा और झुंझनू सीट पर कांग्रेस ने कब्ज़ा किया था जबकि खींवसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और चौरासी में भारतीय आदिवासी पार्टी ने चुनाव जीता था यानि भाजपा के खाते में इन 5 में से सीट नहीं आई थी। दौसा सीट मुस्लिम ,मीणा और गुर्जर बाहुल्य मतदाता वाली है इस सीट पर मुरारीलाल मीणा लगातार बार से जीत रहे हैं। मीणा ,सचिन पायलट के कट्टर समर्थक हैं इस दफा गुर्जर भी मीणा के साथ आ गए थे। झुंझनू सीट पर सिंह लगातार चार बार से जीत रहे हैं जबकि खींवसर सीट पर भी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल चार बार से कब्ज़ा किए हैं यह सीट इनका अजेय किला बन चुकी है। हनुमान नागौर से दो बार सांसद भी रह चुके हैं यहां मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं इसलिए भाजपा की राह पर कांटे ही कांटे हैं। देवली -उनियारा सीट पर भी सचिन पायलट का खासा प्रभाव है यहां भी मुस्लिम ,मीणा और गुर्जर मतदाता बहुतायत में हैं। कांग्रेस के हरीश मीणा लगातार दो बार से विधायक हैं। भाजपा ने यह से गुर्जर आरक्षण के पुरोधा किरोड़ीलाल बैंसला के बेटे विजय बैंसला को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें पराजय का स्वाद चखना पड़ा। चौरासी सीट भी भाजपा के लिए दूर की कौड़ी है यहां से भारतीय आदिवासी पार्टी से राजकुमार रोत ने चुनाव जीता। हालांकि इस सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा रहता था लेकिन कांग्रेस ने बीएपी से समझौता कर लिया। रोत दो बार से लगातार जीत रहे हैं। अब ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी क्या हश्र होगा। पांचों सीटें मुस्लिम ,जाट ,मीणा ,गुर्जर बाहुल्य हैं इन समाजों का वोट बैंक 2018 से भाजपा के अपोज़िट चला गया। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जो 11 सीटें जीतीं उनमें 5 लोकसभा सीटों के अंदर ये 5 सीटें आती हैं।

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