भोपाल. संतोष पांडेय। मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में बीजेपी सक्रिय कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करने जा रही है पार्टी के जिला महामंत्री और जिला संयोजक महेन्द्र सिंह अतरैला का एक पत्र वायरल हुआ जिसमें कार्यक्रम की जानकारी मुहैया कराई गई है. उक्त पत्र में जिक्र किया गया है कि कार्यक्रम तीन सत्र में होगा. पहले सत्र को सांसद जनार्दन मिश्रा मुख्य वक्ता की हैसियत से सम्बोधित करेंगे उन्हें बोलने के लिए 1 बजे से 1 बजकर 45 मिनट तक का समय दिया गया है इसी तरह दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता जिलाध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा होंगे वो भी 45 मिनट तक अपनी बात दिए गए टॉपिक पर रखेंगे उनके लिए 1 बजकर 50 मिनट से 2 बजकर 20 मिनट का समय आरक्षित किया गया है. इसके अलावा तीसरे सत्र के मुख्य वक्ता देवतालाब विधायक गिरीश गौतम हैं ये 2 बजकर 25 मिनट से 3 बजे तक अपने विषय पर वक्तव्य देंगे. हमने आपको पत्र की रूपरेखा बता दी लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पत्र में न तो किसी तारीख़ का उल्लेख है न ही स्थान का? आखिर ये सक्रिय कार्यकर्ता किस तारीख़ को किस जगह अपने मूर्धन्य नेताओं को सुन कर अपने आप को धन्य करेंगे? क्या जिलाध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा ने सभी को समुद्री पढ़ाई है कि इनको सब पता है? अगर नहीं तो क्या ये कार्यकर्ताओं के साथ बेहूदा मजाक नहीं है जो सही जानकारी नहीं दी गई. आखिर संगठन के मठाधीश कब तक कार्यकर्ताओं को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करेंगे? जिलाध्यक्ष क्या खुद दूसरे के हाथ की कठपुतली हैं सवाल तो अब यह भी है? पत्र जारी होने से पहले क्या उन्हें देखना नहीं चाहिए उसमें क्या गलती है? इन तमाम सवालों के जवाब आखिर कौन देगा? क्या मऊगंज जिले का संगठन ऐसे ही चलेगा? क्या मऊगंज जिलाध्यक्ष की नजरों में कार्यकाताओं की कोई इज्जत नहीं? इस पत्र से तो यही साबित होता है पत्र को देखने के बाद तो यही लगता है कि कार्यकर्ता की गरज हो तो वो फोन लगाकर पता करें कि कार्यक्रम कहां और कब है? क्या ये कार्यकर्ताओं का घोर अपमान नहीं है? क्या अब भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं की इतनी ही हैसियत बची है? क्या लगातार दूसरी मर्तबा अध्यक्ष बनने के बाद राजेंद्र मिश्रा इसी तरह कार्यकर्ताओं को अपमानित करते रहेंगे? कार्यकर्ता को क्या गरजी समझ लिया गया? अगर ऐसा नहीं होता तो पत्र में सब कुछ साफ लिखा होता लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

