भोपाल। अमूमन देखा गया है मध्यप्रदेश के थानों में मंदिर बने हैं और उसमें हनुमान जी और शंकर जी विराजे हुए हैं। कई थानों में मंदिर के निर्माण भी चल रहे हैं लेकिन अब किसी भी थाना परिसर में मंदिर का निर्माण नहीं किया जाएगा। याचिकाकर्ता ओपी यादव ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसकी सोमवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दशक पहले 2003 में आदेश दिया था कि सार्वजनिक स्थल, कार्यालय और पब्लिक रोड पर धार्मिक स्थल का निर्माण न किया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ की डिविजनल बेंच ने सोमवार को सुनवाई करते हुए थाना परिसर में बन रहे मंदिरों के निर्माण पर पाबंदी लगा दी और राज्य सरकार से सवाल किया आखिर सरकारी आराजी पर मंदिर कैसे बनाए जा रहे। इस संबंध में सीएस अनुराग जैन और डीजीपी सुधीर सक्सेना को नोटिस जारी किया गया है। इनके अलावा गृह विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग को भी नोटिस जारी कर जबाव तलब किया गया है। अगली सुनवाई 19 नवंबर को है। आपको बता दें कि भोपाल में एमपी नगर, टीटी नगर थानों के अलावा अन्य थानों में मंदिर बने हैं। मऊगंज मे भी जिला मुख्यालय के थाने समेत हनुमना और शाहपुर थाने में मंदिर हैं।
