भोपाल। एमपी के मऊगंज जिले में 14 दिसंबर को सूबे के मुखिया मोहन यादव आ रहे हैं। सीएम की शपथ लेने के बाद वे पहली बार मऊगंज बड़ी सौगात देने विधायक के न्योते पर आ रहे हैं लेकिन उससे पहले यहां विधायक और हिंदुओं को मुस्लिमों के द्वारा सरेआम गाली देकर जान से खत्म करने की धमकी दी जा रही है उस वजह से पुलिस प्रशासन की अकर्मण्यता खुलकर सामने आ चुकी है। मऊगंज की जनता का एसपी रसना ठाकुर से भरोसा उठ चुका है। विधायक प्रदीप पटेल ने वायरल न्यूज हिंदी से कहा आईजी के इशारे पर एसपी मुस्लिमों से उन्हें जान से खत्म करने की धमकी दिलवा रही हैं। विधायक ने कहा वो जनता के चुने विधायक हैं जिसको उनसे परेशानी है वो उनके खिलाफ बोले उसे अधिकार है लेकिन उनकी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा है जिसे मुस्लिम गाली दे रहे हैं और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है। विधायक ने पुलिस की अराजकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पुलिस का डर अपराधियों में होता तो उनकी इतनी हिम्मत नहीं है कि वो विधायक को खत्म करने की धमकी देकर यह कहें कि रिकॉर्डिंग कर लो और सबको बता देना। विधायक ने कहा कि मऊगंज जिले की पुलिस नशा कारोबारियों से मिलकर वसूली कर रही आम जनता कि सुरक्षा से उसका कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने एसपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां अपराधी बेखौफ हैं इसके लिए एसपी जिम्मेदार हैं। आपको बता दें कि 48 घंटा पहले सद्दाम अंसारी ने अजय शर्मा को फोन पर गाली दी थी और विधायक के साथ अजय को ट्रक से कुचलकर हत्या करने की धमकी दी थी लेकिन अब तक एसपी ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा कायम नहीं कराया। पुलिस का तर्क है कि अजय के साथ पहले मारपीट हुई थी जिसमें सद्दाम के खिलाफ कायमी है पुलिस ऑडियो की विवेचना कर उसी मामले में धारा बढ़ाएगी। इस मामले का सनसनीखेज और दुर्भाग्यपूर्ण पहलू तो यह है कि एसपी को इतना भी नहीं पता कि ऑडियो मारपीट कि घटना के बाद वायरल हुआ है जबकि मारपीट पहले हुई थी लिहाजा, अगर किसी वारदात का समय और दिनांक अलग- अलग है तो एफआईआर भी अलग- अलग होगी लेकिन ऑडियो वायरल होने के 48 घंटे बाद भी पुलिस विवेचना के नाम पर अपराधियों को संरक्षण दे रही है ऐसा मामला समूचे देश में पहली बार आपको मऊगंज जिले में ही देखने और सुनने को मिलेगा। अब हम इसी किस्म के दूसरे ऑडियों के ज़िक्र कर रहे हैं जिसे वायरल हुए महज 24 घंटे हुए जिसमें पुलिस कि विवेचना भी हो गई और आरोपी के खिलाफ मुकदमा भी पंजीबद्ध हो गया। बता दें कि देवरा के गयासुद्दीन अंसारी तनय सलीमुद्दीन अंसारी ने कार्तिकेय तिवारी को फोन से जान से मारने की धमकी दी उसकी मां ओर बहन को गाली दी, इतना ही नहीं आरोपी ने विधायक की बेटी को भी नहीं बक्शा उसने विधायक को भी खत्म करने कि धमकी दी और चैलेंज किया कि उसकी सारी बात रिकॉर्ड कर लो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले के अपराधी पुलिस को अपने ठेंगे पर रखते हैं। बहरहाल, इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 296,351(3), 352और 79 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। अब सवाल यह है कि विवेचना के नाम पर पुलिस 48 घंटे पहले वॉयरल हुए ऑडियो में एफआईआर दर्ज करने में कोताही क्यों बरत रही? हमने पुलिस के अन्य वरिष्ठ अफसरों से जब बात की तो उनका कहना है कि ऐसे मामले में पुलिस को फौरन मुकदमा कायम कर गिरफ्तारी करनी चाहिए जिससे कोई दूसरा व्यक्ति ऐसी हरकत न कर सके। लेकिन मऊगंज की पुलिस तो विवेचना कर रही है पता नहीं कब तक विवेचना चलेगी। एसपी रसना ठाकुर के मार्गदर्शन में अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो अपराधियों पर अंकुश लगाना नामुमकिन हो जाएगा। सवाल तो अब जनता भी उठाने लगी है कि अगर एसपी के वश में जिला नहीं है तो उन्हें जिले को बर्बाद करने का कोई अधिकार नहीं है वे तबादला क्यों नहीं करवा लेती? उधर विधायक और उनकी बेटी को जिस तरह से गाली दी गई है उससे जिले का हिंदू समाज आक्रोशित है और यह ज्वालामुखी का लावा कभी भी फट सकता है जिसके लिए जिम्मेदार एसपी होंगी।
